मैं बेवफा नहीं हूं, बस तुम्हारे चेहरे पर फिर से वही मुस्कान देखना चाहता हूं मैं बेवफा नहीं हूं, बस तुम्हारे चेहरे पर फिर से वही मुस्कान देखना चाहता हूं
देशवासी मदद का हाथ बढ़ाने के बजाए, अपना हाथ खिंचता हैं देशवासी मदद का हाथ बढ़ाने के बजाए, अपना हाथ खिंचता हैं
मुझे पनाह चाहिए.. मुझे कोई जगह नहीं दे रहा है इस दुनिया में. मुझे पनाह चाहिए.. मुझे कोई जगह नहीं दे रहा है इस दुनिया में.
अजीब है न प्रेम पर लिखना.. या तो अनन्त या इतना सूक्ष्म की नजर न आए, अजीब है न प्रेम पर लिखना.. या तो अनन्त या इतना सूक्ष्म की नजर न आए,
मां मैं उन्हें कभी अपने मन की बात नहीं बताऊंगी, मां मैं उन्हें कभी अपने मन की बात नहीं बताऊंगी,
जाने क्या......अब हम मजे से हाथ उठा के गोल गोल घूम के नाच रहे थे जाने क्या......अब हम मजे से हाथ उठा के गोल गोल घूम के नाच रहे थे